'गांधी-बाबा साहेब की प्रतिमा को किनारे किया गया', संसद परिसर में मूर्तियों की शिफ्टिंग पर क्यों भड़की कांग्रेस?
Parliament Statues Shifting
नई दिल्ली। Parliament Statues Shifting: 17वीं लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने रविवार को कहा कि संसद परिसर में स्थित स्वाधीनता सेनानियों एवं राष्ट्रीय आदर्शों की प्रतिमाओं को विभिन्न पक्षों से चर्चा करने के बाद परिसर में ही बने प्रेरणा स्थल पर स्थानांतरित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रतिमाओं का स्थानांतरण सौंदर्यीकरण की कवायद के तहत किया गया है।
बिरला ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रतिमाओं के स्थानांतरण पर विभिन्न पक्षों के साथ समय-समय पर विचार-विमर्श किया गया क्योंकि ऐसे निर्णय लोकसभा स्पीकर के कार्यालय के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। लोगों का मानना था कि इन प्रतिमाओं को एक स्थान पर रखने से उनके जीवन और उपलब्धियों के बारे में जानकारी का बेहतर तरीके से प्रसार करने में भी मदद मिलेगी।
कोई भी प्रतिमा हटाई नहीं गई है- बिरला
इस संबंध में विपक्ष द्वारा आलोचना पर उन्होंने कहा, 'कोई भी प्रतिमा हटाई नहीं गई है, इन्हें दूसरी जगह स्थापित किया गया है। इस पर राजनीति करने की जरूरत नहीं है।' उल्लेखनीय है कि महात्मा गांधी और बीआर आंबेडकर की प्रतिमाएं पहले संसद परिसर में प्रमुख स्थानों पर स्थित थीं, जहां विपक्षी नेता सरकार के विरुद्ध विरोध-प्रदर्शन करने के लिए एकत्र होते थे।
प्रेरणा स्थल पूरे वर्ष आगंतुकों के लिए खुला रहेगा
बिरला ने कहा कि प्रेरणा स्थल पूरे वर्ष आगंतुकों के लिए खुला रहेगा और राष्ट्र निर्माण में नेताओं के योगदान को सम्मानित करने के लिए स्मृति दिवसों का आयोजन करेगा। उन्होंने कहा, 'इन महान भारतीयों की जीवन गाथाओं और संदेशों को नई प्रौद्योगिकी के माध्यम से आगंतुकों तक पहुंचाने के लिए एक कार्ययोजना बनाई गई है।'
प्रतिमाओं के चारों ओर लॉन और उद्यान बनाए गए
बिरला ने कहा कि प्रेरणा स्थल पर प्रतिमाओं के चारों ओर लॉन और उद्यान बनाए गए हैं, ताकि आगंतुक आसानी से उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें एवं क्यूआर कोड का इस्तेमाल करके जानकारी प्राप्त करके उनके जीवन से प्रेरणा ले सकें। उन्होंने बताया कि नए संसद भवन के निर्माण कार्य के दौरान भी महात्मा गांधी, मोतीलाल नेहरू और चौधरी देवीलाल की मूर्तियों को परिसर के भीतर अन्य स्थानों पर ले जाया गया था।
ताकि एक एजेंसी की जवाबदेही तय की जा सके
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) द्वारा पूरे संसद परिसर की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने के बारे में पूछे जाने पर बिरला ने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया, ताकि एक एजेंसी की जवाबदेही तय की जा सके। इससे पहले संसद की सुरक्षा सेवा, दिल्ली पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) संसद परिसर की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थे। 18वीं लोकसभा के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के चुनाव के बारे में बिरला ने कहा, 'ये सभी फैसले राजनीतिक दलों द्वारा लिए जाते हैं। ये फैसले मैं नहीं ले सकता।'
यह एकपक्षीय कदम- कांग्रेस
संसद परिसर की प्रतिमाओं को प्रेरणा स्थल स्थानांतरित करने को कांग्रेस ने सत्तारूढ़ दल का मनमाना एवं एकपक्षीय फैसला करार दिया है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि बिना किसी परामर्श के मनमाने ढंग से इन मूर्तियों को हटाना हमारे लोकतंत्र की मूलभावना का उल्लंघन है। पूरे संसद भवन में ऐसी करीब 50 मूर्तियां या प्रतिमाएं हैं। संसद भवन परिसर में प्रत्येक प्रतिमा और उसका स्थान अत्यधिक मूल्य और महत्व रखता है।
आंबेडकर की प्रतिमा विशिष्ट स्थान पर नहीं
उन्होंने कहा कि संसद परिसर में प्रतिमाओं एवं तस्वीरों की स्थापना के लिए एक समिति होती है जिसका 2019 से पुनर्गठन नहीं किया गया है। पार्टी नेता जयराम रमेश ने एक्स पर कहा, 'इसका एकमात्र उद्देश्य यह है कि महात्मा गांधी और डा. आंबेडकर की प्रतिमाएं संसद भवन के ठीक बगल में न लगाई जाएं जो शांतिपूर्ण, वैध और लोकतांत्रिक विरोध के पारंपरिक स्थल रहे हैं।' उन्होंने कहा कि संसद परिसर में आंबेडकर जयंती समारोह का उतना बड़ा और उतना महत्व नहीं होगा क्योंकि अब उनकी प्रतिमा वहां विशिष्ट स्थान पर नहीं है।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने किया प्रेरणा स्थल का उद्घाटन
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को संसद भवन परिसर में नवनिर्मित प्रेरणा स्थल का उद्घाटन किया। संसद भवन परिसर में स्थित स्वतंत्रता सेनानियों एवं राष्ट्रीय आदर्शों की प्रतिमाओं को यहां स्थानांतरित किया गया है। उद्घाटन के अवसर पर उपराष्ट्रपति के अलावा ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, अर्जुन राम मेघवाल एवं एल. मुरुगन ने महात्मा गांधी को श्रद्धासुमन भी अर्पित किए। सांसदों में लोकसभा सदस्य जगदंबिका पाल और राज्यसभा सदस्य राकेश सिन्हा भी मौजूद थे। इस मौके पर धनखड़ ने कहा कि 'प्रेरणा स्थल' प्रेरक और प्रेरणादायक है और जो कोई भी यहां समय बिताएगा, वह प्रेरित होगा।